Tuesday, 8 February 2022

सुबह सपनों का अनुवाद करने के लिए होती है।

सुबह सपनों का अनुवाद करने के लिए होती है

जो अधूरे रह गए थे,

अभी भी घट रहे हैं

पर याद तो नींद में ही आते हैं

© मोहन राणा  2022

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नया संग्रह ' मुखौटे में दो चेहरे 'छापा खाना की तैयारी में।

 



 

 
मोहन राणा
/ मुखौटे में दो चेहरे/ 
(कविता चयन)
नयन पब्लिकेशन 

 
 
 
 


 

Poetry Reading “Pravasi Manch with Mohan Rana” at Sahitya Akadami Delhi

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