वापसी : मोहन राणा

  वापसी एक नीरव जगह तुम बेचारे पेड़ को अकेला छोड़ आईं!  जमे हुए विस्तार में जो वृद्ध हो चुके ये पहाड़   लंबे शारदीय उत्सव का उपद्रव मचाते है...