Monday, 3 January 2022

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मोहन राणा की नई कविताएँ : New Poems-Mohan Rana

 कालचक्र, लिपि और टीला                                  काल चक्र भूल भुलैया में घूमता आईने में पहचान लिए ख़ुद ही हो गया लापता वहाँ अपने ...